आर आई एन एल प्रारंभिक वर्षों में: श्री तेन्नेटि विश्वनाथन की अथक प्रयासों की वजह से वाइजाग इस्पात संयंत्र की स्थापना हुई। 20 जनवरी, 1971 को परियोजना का औपचारिक रूप से तत्कालीन प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा उद्घाटन किया गया था।
सोवियत संघ के सहयोग से आर आई एन एल की ख्याति बढ़ी: 3.4 मिलियन टन द्रव इस्पात का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन मेसर्स एम एन दस्तूर कंपनी एवं यू एस एस आर के जिप्रोमेज (1985-87) द्वारा तैयार किया गया।
भारतीय इस्पात उद्योग एवं बाजार में आर आई एन एल की पहली पैठ: 1989-90 में तप्त धातु की कच्चे लोहे में पहली ढलाई; पुशकार का प्रचालन किया गया; धमन भट्ठी की स्थापना प्रगति पर थी, 1982-83.
आर आई एन एल निर्माण स्थल: विस्तारण हेतु 2006 में पहली बार कंक्रीट डाला गया; निजी खदानों का प्रचालन किया गया।
आई आई टी एफ 2014 व्यापार सम्मेलन के दौरान माननीय इस्पात मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, सचिव (इस्पात) श्री विष्णु देव सॉय, संयुक्त सचिव (इस्पात) श्री राकेश सिंह, आई ए एस, संयुक्त सचिव (इस्पात) सुश्री उर्विला खाती, आई आर पी एस ने वी एस पी स्टॉल का संदर्शन किया।
संयुक्त सचिव (इस्पात) सुश्री उर्विला खाती संयंत्र पर्यटन के दौरान
सचिव (इस्पात) श्री राकेश सिंह, आई ए एस नई स्ट्रक्चरल मिल की री-हीटिंग फर्नेस का उद्घाटन करते हुए