विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र और राजभाषा           

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है, जिसका मुख्यालय विशाखपट्टणम में स्थित है| इसका एकमात्र संचालित इस्पात संयंत्र, विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र देश का अकेला समग्र इस्पात संयंत्र है, जो समुद्र तट पर स्थित है और अपने समीप में बंदरगाह की सुविधा से लैस है| हाल ही में संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता का 3.0 मिलियन टन से 6.3 मिलियन टन तक विस्तारण किया गया है। साथ ही मौजूदा इकाइयों का आधुनिकीकरण व उन्नयन कार्य चल रहे हैं, जिनसे संयंत्र की क्षमता में 1.0 मिलियन टन प्रतिवर्ष की वृद्धि के साथ 7.3 मिलियन टन प्रतिवर्ष हो जाएगी। यह कंपनी एक ‘नवरत्न’ कंपनी है, जो गुणवत्ता एवं प्रतिबद्धता हेतु प्रसिद्ध है|

विशाखपट्टणम आंध्र प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है| यहाँ की बहुभाषी एवं मृदु संस्कृति लोक-लुभावन है| राष्ट्रीयता के भाव से ओत-प्रोत यहाँ की जनता राजभाषा हिंदी के प्रति आदर व अनुराग रखती है| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र को भी इस माहौल का भरपूर लाभ मिलता है| संयंत्र के भीतर व बाहर हिंदी के विकास के लिए अनुकूल परिवेश है| यहाँ पर कार्यरत लगभग 80% कर्मचारी हिंदी का पर्याप्त ज्ञान रखते हैं| संगठन में राजभाषा के प्रचार-प्रसार एवं कार्यान्वयन के कार्य को केवल संवैधानिक दायित्व नहीं माना जाता, बल्कि इसे राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया जाता है|

उपरोक्त माहौल को और गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड का प्रबंधन सदैव सक्रिय रहा है और अपनी सकारात्मक सोच से राष्ट्र निर्माण के इस कार्य को पुरजोर बढ़ावा देता है| संगठन में राजभाषा के कार्यान्वयन हेतु एक उच्चस्तरीय समिति है, जिसके अध्यक्ष कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हैं और उनकी अध्यक्षता में प्रत्येक तिमाही में एक बैठक होती है| इस समिति की बैठकों में सभी नियमित निदेशकगण एवं उनके विभागीय प्रमुख सदस्यों के रूप में भाग लेते हैं| हिंदी कक्ष के प्रभारी उपरोक्त समिति के सचिव का कार्यभार संभालते हैं| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र का प्रबंधन, हिंदी कक्ष के प्रभारी से सकारात्मक व सृजनात्मक कार्य की अपेक्षा रखता है|

संगठन में राजभाषा हिंदी के प्रभावी प्रयोग हेतु राजभाषा विभाग स्थापित है, जिसमें पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है| राजभाषा विभाग, कर्मचारियों के लिए प्रबोध, प्रवीण कक्षाओं के संचालन के साथ-साथ कंप्यूटरों पर हिंदी के प्रयोग का प्रशिक्षण भी देता है। अपने संवैधानिक दायित्व-निर्वहण के अधीन राजभाषा विभाग, मुख्यालय में वर्ष के दौरान चार हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन करता है| साथ ही देश भर में फैले 26 शाखा कार्यालयों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से चार क्षेत्रीय कार्यालयों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता) में भी हिंदी दिवस के साथ-साथ कार्यशाला का आयोजन करता है| शाखा कार्यालय अपने स्तर पर भी हिंदी दिवस मनाते हैं और राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करते हैं|

विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र, प्रतिवर्ष भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति करता है| पत्राचार में हिंदी का भरपूर प्रयोग किया जाता है| मंत्रालयों एवं विविध संसदीय समितियों को सभी प्रतिवेदन द्विभाषी रूप में प्रस्तुत किये जाते हैं| धारा 3(3) का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जाता है| वर्ष में कम से कम राष्ट्रीय स्तर की एक संगोष्ठी आयोजित की जाती है, जो तकनीकी, प्रबंधकीय विषयों से जुड़ी होती है| इसके अतिरिक्त संगठन के विविध विभागों में राजभाषा के प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण किये जाते हैं और उन विभागों को आवश्यक अनुदेश एवं सहयोग दिया जाता है|