आर आई एन एल ने 2018 में कई ऊँचाइयाँ हासिल कीं: अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री पी के रथ    01-Jan-2019     Read in English
आर आई एन एल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री पी के रथ ने आज नव वर्ष 2019 के अवसर पर आर आई एन एल-वी एस पी के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वाइजाग स्टील ने वर्ष 2018 के दौरान अपने प्रचालनों में लगभग 20% वृद्धि दर्ज करते हुए महत्वपूर्ण निष्पादन की कई ऊँचाइयाँ हासिल कीं।  श्री रथ ने यह भी माना कि अत्यंत मूल्यवर्धित इस्पात उत्पादन में उल्लेखनीय सफलता, नई मिलों के क्षमता उपयोग में वृद्धि, विद्युत उत्पादन एवं कच्चेमाल के प्रहस्तन में सुधार दर्ज किये गये।  उन्होंने कर्मचारियों को तप्तधातु उत्पादन की लागत कम करने के क्रम में धमन भट्ठियों में चूर्णित कोयला प्रेषण (पी सी आई) बढ़ाने हेतु मुख्यत: ध्यानकेंद्रित करने का सुझाव दिया एवं उन्होंने यह भी कहा कि 100 किलोग्राम चूर्णित कोयला प्रेषण/टन तप्त धातुसे 1500 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की बचत होती है।  उन्होंने कर्मचारियों को चौथी तिमाही के दौरान मात्रात्मक वृद्धि, धमन भट्ठियों एवं इस्पात गलन शालाओं तथा फिनिशिंग मिल्स से उत्पादन बढ़ाने के माध्यम से लक्ष्य प्राप्त करने हेतु अभिप्रेरित किया।  श्री रथ ने उपलब्धियों के लिए आर आई एन एल समूह को बधाई दी और कहा कि हमारे समक्ष कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन उन्होंने कंपनी को निरंतर वृद्धि के पथ पर ले जाने में आर आई एन एल समूह की क्षमता एवं प्रतिबद्धता के प्रति विश्वास जताया।  श्री रथ ने इस अवसर पर निगमित संचार विभाग द्वारा प्रकाशित नव वर्ष की डायरी 2019 का निदेशक (वाणिज्य) श्री पी रायचौधरी, निदेशक (कार्मिक) श्री के सी दास एवं निदेशक (वित्त) श्रीवी वी वेणुगोपाल राव की उपस्थिति में विमोचन किया।  इससे पहले, निगमित कार्यनीति प्रबंधन विभाग ने अपने प्रस्तुतीकरण में वर्ष 2019 में आर आई एन एल के समक्ष विद्यमान चुनौतियों का उल्लेख किया।  इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक, महाप्रबंधक गण, विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, स्टील एक्जेक्यूटिव असोसिएशन, श्रमिक संघों, विप्स, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति संघ के प्रतिनिधि गण उपस्थित थे।  आर आई एन एल-वी एस पी ने अप्रैल-दिसंबर, 2018 के दौरान तप्त धातु, द्रव इस्पात एवं बिक्रीयोग्य इस्पात उत्पादन में क्रमश: 18%, 16% एवं 15% वृद्धि दर्ज की।  इस अवधि के दौरान आर आई एन एल ने पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11,395 करोड़ रुपये की तुलना में 29% वृद्धि के साथ 14,687 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की।  बिक्री की मात्रा में 8% वृद्धि एवं मूल्यवर्धित इस्पात में 25% वृद्धि दर्ज की गई।