संगठनों में सत्यनिष्ठा की कमी उनके पतन का कारण बनती है: मुख्य सतर्कता आयुक्त श्री के वी चौधरी    14-Feb-2019     Read in English
भारत सरकार के केंद्रीय सतर्कता आयुक्त श्री के वी चौधरी ने देश में हो रहे प्रौद्योगिकी विकास के मद्देनजर संगठनों को सत्यनिष्ठा की संस्कृति अपनाते हुए समाज में अपना स्थान बनाये रखने की आवश्यकता का उल्लेख किया।  उन्होंने आज उक्कुनगरम में आर आई एन एल-वी एस पी के बड़ी संख्या में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।  श्री चौधरी आर आई एन एल में पहली बार आये थे और उन्होंने माना कि संगठनों में सत्यनिष्ठा की कमी उनके पतन का कारण बनती है।  अत: उन्होंने प्रबंधन की बेहतर पद्धतियों को अपनाते हुए कार्यपद्धतियों में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु संगठनों का आह्वान किया।  उन्होंने संगठनों को सुरक्षित सजगता संकेत तंत्र विकसित करने की सलाह दी, जिससे सुधारात्मक उपायों को व्यवस्थित तरीके से अपनाया जा सके।  उन्होंने कहा कि सत्यनिष्ठा समाज में नैतिक मूल्यों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।  उन्होंने बताया कि आयोग ने बेहतर अभिशासन एवं नैतिक मूल्यों के आदर्शों की स्थापना/प्रचार हेतु ठोस उपायकिये, जिससे समाज में बेहतर निगमित संस्कृति को अमल में लाया जा सके।  उन्होंने संगठनों को गुमनाम शिकायतों पर विचार न करने और शिकायतों के निवारण के लिए एक सतर्क संकेत तंत्र विकसित करने की सलाह दी।  उन्होंने कहा कि सतर्कता मुख्यत: एक प्रणाली विश्लेषक है और उन्होंने बेहतर अभिशासन बनाये रखने हेतु मानक संचालन पद्धतियों तथा दिशानिर्देशों के अन्वेषण की आवश्यकता पर बल दिया।  श्री चौधरी ने इस अवसर पर सत्यनिष्ठा का शपथ दिलाया।  आर आई एन एल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री पी रथ ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आर आई एन एल द्वारा संगठन के मूल सिद्धांतों में जवाबदेही और नैतिकता को शामिल किया गया है और संगठन की कार्यपद्धतियों में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु विभिन्न तंत्र अपनाये गये हैं।  उन्होंने बेहतर निगमित अभिशासन पद्धतियों को अपनाने से संबंधित बहुमूल्य सुझाव हेतु श्री चौधरी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।  आर आई एन एल के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री पी जे विजयकर ने मुख्य अतिथि महोदय का परिचय देते हुए देश की विभिन्न प्रणालियों व प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने एवं नैतिक मूल्य बढ़ाने में उनकी उपलब्धियों व सेवाओं की जानकारी दी।  निदेशक (वाणिज्य) श्री पी रायचौधरी, निदेशक (कार्मिक) श्री के सी दास, निदेशक (वित्त) श्री वी वी वेणुगोपाल राव, कार्यपालक निदेशक गण, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यपालक उपस्थित थे।  निदेशक (कार्मिक) श्री के सी दास ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। आज विशाखपट्टणम के विजिलेंस स्टडी सर्कल के तत्वावधान में आयोजित व्याख्यान सत्र में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मुख्य सतर्कता आयुक्त श्री के वी चौधरी के पहली बार विशाखपट्टणम में आगमन के अवसर पर उनके माध्यम से विशाखपट्टणम के सार्वजनिक उपक्रमों के सतर्कता अधिकारियों को संबोधित किया।  कार्यक्रम में आर आई एन एल, एच पी वी पी, एच एस एल, एच पी सी एल, डी सी आई, वी पी टी, एन टी पी सी, बी एस एन एल के सतर्कता अधिकारियों ने भाग लिया। श्री चौधरी ने संगठन के कर्मचारियों को सत्यनिष्था के प्रति प्रेरित करने में निवारक सतर्कता के महत्व पर बल दिया।  उन्होंने सतर्कता अधिकारियों द्वारा जाँच के अधीन मामलों के आगे की कार्यवाही हेतु उनके सभी पहलुओं के संबंध में व्यापक जाँच प्रतिवेदन तैयार करने की आवश्यकता को दोहराया।  उन्होंने संगठन के कर्मचारियों के मार्गदर्शन हेतु निवारक सतर्कता में सामान्य पहलुओं के साथ उद्योग विशिष्ट पहलुओं को भी जोड़ने का सुझाव दिया।  उन्होंने गुमनाम, छद्मनाम से प्राप्त शिकायतों पर विचार न करने की सलाह दी।  उन्होंने सतर्कता अधिकारियों के साथ विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श किया।  आर आई एन एल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री पी के रथ, आर आई एन एल के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री पी जे विजयकर ने समूह को संबोधित किया।